Tuesday, October 15, 2019

प्रेम



प्रेम  हा  शब्द  उच्चारल्या बरोबर आपल्या  डोक्यात  बऱ्याच  गोष्टी  येऊन  जातात . बऱ्याच  गोष्टी  आपल्या  डोळ्या  समोरून  फिरायला  लागतात , प्रत्येक  जण  आपल्या  परीने  त्याची  व्याख्या  करतात प्रत्येकासाठी   जरी  त्याची  व्याख्या जरी  वेगळी  असली  तरी  त्याची  भावना  सगळ्याची  सारखीच  असते . प्रेम  म्हंटल्यावर  आपल्या  डोळ्यासमोर  प्रथम  पहिले  प्रेम  येते . प्रेम  म्हणजे  काय  हे  आहे  हे  कोणी  सांगून  कळत  नाही  जशी  एखाद्या  पदार्थाची  चव  घेतल्या  शिवाय  त्याची  चव  कळत  नाही  तसेच  प्रेमाचे  आहे  त्याची  प्रचिती  येण्यासाठी  ते  करावेच  लागते  आणि  ते  किती  कठीण  असले  त्यात  कितीही  त्रास  असला  तरीही  ज्याने  प्रेम  केले  आहे  तो  एवढेच  म्हणेल  की  माणसाने  एकदा  तरी  आयुष्यात  प्रेम  केले  पाहिजे .

पहिले  प्रेम  हा  एक  संशोधनाचा  विषय  आहे . कारण  आपल्याला  पहिले  प्रेम  कधी  होईल  कुठे  होईल  कोणत्या  क्षणी  होईल  कुठे  होईल  कोणत्या  वयात  होईल  काही काही  सांगता  येत  नाही . पण  जेंव्हा  पण  हे  होते  याची  प्रचिती  यायला  लागते . कोणाला  काय  जाणवेल  हे  सांगता  नाही  पण  आयुष्य  बदलले  आहे  हे  त्याला  जाणवायला  लागते . त्याला  प्रियकराशी  बोलावेसे  वाटते , त्याच्या  जवळ  राहावेसे  वाटते .काही  जण  याला  प्रेम  म्हणतात  तर  काही  जण  वयाचा  दोष . कारण  जर  हे  प्रेम  जर  वयाच्या  15-16 वयात  झाले  तर  काही  लोक हा  वयाचा  दोष  म्हणतात . मला  फारसे  कळत  नाही  कारण  जेवढे  लोक  तेवढे  तर्क  आणि  तेवढ्या  वेगळ्या  गोष्टी .प्रत्येक  जण  आपल्या  अनुभवानुसार  आपल्या  प्रेमाची  व्याख्या करतात त्यामुळे  प्रेमाची  व्याख्या  निरनिराळ्या  लोक  कडून  वेगळी  ऐकायला  मिळे  पण  खरे  एवढेच  आहे  ही   जरी  शब्द  वेगळे  असते  तरी  प्रत्येकाची  भावना  एकाच  असते

प्रेम  हे  जीवनात  एकदाच  होते  का  हा  मला  पडलेला  प्रश्न . कारण  ज्याचे  पहिले  प्रेम  यशस्वी  झाले  तर  तो  दुसरी  कडे  वळले  नाही  पण  ज्याचे  प्रेम  अयशस्वी  होते  त्याला  फार  वाईट  वाटते काही  लोक  त्या  वाटे  वरून   परत  चालायचेच  नको  म्हणून  परत  त्याच्या  कडे  पाठ  फिरवतात  पण  काही  लोक  परत  आपले  आयुष्य  नव्याने  चालू  करतात . अशावेळी  ते  परत  नवीन  जोडीदाराच्या  शोधात   असतात . काही  जणांना  परत  नवीन  जोडीदार  मिळतोही  काही  जणांना  वाटते  की  हे  प्रम  पहिल्या  पेक्षा  खरे  आहे  आणि  ते  परत  नव्याने  आयुष्य  चालू  करतात . पण  मला  हा  प्रश्न  पडतो  की   खरंच  ते  प्रेम  असते  का  ती  तडजोड  असते  कारण  आपल्याला  नवीन   आयुष्य  चालू  करायचे  असते . काही  जणांना  त्या  प्रेमाची  जास्त  जवळीक  वाटते  कारण  कदाचित  काही  जणांचे  दुसरे  प्रेम  यशस्वी  होते  पण  काही  जणांचे  ते  पण  अयशस्वी  होते . मग  काय  करावे  हा  बऱ्याच  जनावर  प्रश्न  पडतो . काही  जण  त्यातून  पण  परत  सहीसलामत बाहेर येतात आणि  नव्याने  आयुष्य  चालू  करतात . मी  इथे  फक्त  त्या  लोकसाठी  बोलतो  आहे  जे  लोक  जीवनकडे  पॉसिटीव्ह  दृष्टीने  बघतात  म्हणजे  जरी  त्यांचे  पहिले  किंवा  दुसरे  प्रेम  अयशस्वी  झाले  तरी  ते  परत  नव्याने  आयुष्य  चालू  करण्या  मध्ये  विश्वास  ठेवतात .

मला  वाटते कि  खरे  प्रेम  हेच  आहे  कि  जे  यशस्वी  होऊ  ना होऊ  ते  नवीन  जगायला  प्रेरणा  देते . ते  आपल्याला  जे  अनुभव  येतात  ये  चांगले  पण  असतात  आणि  वाईट  पण  असतात.  पण  प्रेम  हे  आपल्याला  चांगले  घेऊन  वाईट  विसरायला  मदत  करते . आयुष्यकडे नवीन दृष्टीने बघायला शिकवते ते आपल्या भाग्याला दोष देत बसत नाही ते जे मिळेल त्या कडे पॉसिटीव्ह दृष्टीने बघून आपले नवीन आयुष्य जगायला लागतात. त्यामुळे  जो  जीवन  कडे  पॉसिटीव्ह दृष्टीने  बघतो  मला  वाटते  तो   खरंच  प्रेम  करण्याची ताकद  पण  ठेवतो  आणि  दुसऱ्यासाठी  आदर्श  पण  निर्माण  करतो .
                        
                     आयुष्याचे  काही  क्षण

आयुष्य  कधी  उन्हाचे  चटके  तर  कधी  मायेची  सावली  देऊन  गेले,
कधी  गुलाबाचे  काटे  तर कधी  पाकल्यांची झालर देऊन गेले,
कधी  सप्तरंगी  इन्द्रधनुष्य  तर  कधी  आभाळाची सावट देऊन  गेले,
जगण्याची  मजा  कशी  जगण्यात  आहे  त्याची  शिकवण देऊन  गेले 
आयुष्य  जगायाचे  मला  शिकवून  गेले

आयुष्याचे काही  क्षण  हसू  तर  काही  क्षण  आसवे  देऊन  गेले,
कधी  वसंत कधी  शिशिर  तर  कधी  मातीचा  सुगंध  (आयुष्यात) दरवळून गेले,
क्षण  भंगुर  ते  सारे काही  क्षणात  विसरून  गेले,
पण  प्रतेक  वेळेस काही  नवीन (शिकवण) देऊन  गेले,
आयुष्य  जगायाचे  मला  शिकवून  गेले

आयुष्य  कधी  लख्ख  प्रकाश  तर  कधी  अंधारमय  होऊंन  गेले,
कधी  हळूवार  वा़ऱ्याचा झोका  तर  कधी  वादळी  रात्र  होऊंन  गेले,
रात्र  वादळी  होती  पण  लढणयाची ताकद  मला  देऊन  गेले,
नवीन  जगण्याची  आशा  मला  देऊन  गेले,

आयुष्य मला जगायाचे  शिकवून  गेले......आयुष्य मला जगायाचे  शिकवून  गेले

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