Wednesday, April 24, 2019
Inpirational - A Short Story Book
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Vijeta
VIJETA
Man me ek vishwas bharkar apani manzil ki Aor chal dena tum,
Jab tak manzil na mile, apani mazil ki Aur chalate rehana tum,
Rah me kahi mushkile ayengi, Par kabhi tut mat jana tum,
Agar asafalata bhi ayi to, kabhi har mat jana tum,
Ek bat kabhi na bhulana, akhir ek VIJETA ho tum
Hai lakshya ko pana, bass itana hi dhyan me rakhana tum,
Muskhile to ayengi hi, par kabhi dhiraj mat kho dena tum,
(Mushkilonko) chunuati man
Safalata to ani hai, man ek ghat bandh lena tum,
Tan man me agni bharkar, samar me utar jana tum,
Jab tak safal na ho, Maidan me yu date rehana tum,
Ek bat kabhi na bhulana, akhir ek VIJETA ho tum
Samay - समय
समय
समय बड़ा बलवान है भैया समय बड़ा बलवान
यह जिसका साथ दे वो राजा और जिसका साथ न दे वो रंक समान
ये अगर साथ दे तो आदमी खुद बन जाये भगवन समान
और ये अगर साथ न दे तो आदमी हो जाता है बहुत परेशान
समय बड़ा बलवान है भैया समय बड़ा बलवान
यह जिसका साथ दे वो राजा और जिसका साथ न दे वो रंक समान
ये अगर चाहे तो तिनका बन जाये एक चट्टान समान
और ये अगर साथ न दे तो परबत भी उड़ जाये धुल समान
समय बड़ा बलवान है भैया समय बड़ा बलवान
यह जिसका साथ दे वो राजा और जिसका साथ न दे वो रंक समान
ये अगर साथ दे तो जिंदगी यूं निकल जाये एक पल समान
और ये अगर साथ न दे तो एक पल भी लग जाये कई जिंदगीयो समान
समय बड़ा बलवान है भैया समय बड़ा बलवान
यह जिसका साथ दे वो राजा और जिसका साथ न दे वो रंक समान
ये अगर साथ दे तो जिंदगी लगाती है स्वर्ग समान
और ये अगर साथ न दे तो वही जिंदगी लग जाती है नरक समान
समय बड़ा बलवान है भैया समय बड़ा बलवान
यह जिसका साथ दे वो राजा और जिसका साथ न दे वो रंक समान
Uddan - उड्डान ( IBM poetry competition winning poem)
उड्डान ( IBM poetry competition winning poem)
ऊपर गगन विशाल और मन में गगन को छुने की चाहत रखता हूँ,
मेरी मंजिल है बहुत दूर और खुद्द के पंख दुर्बल पाता हूँ,
पर गगन को छुने का जीवन में एक लक्ष रखता हूँ,
और मै भी मै ही हूँ , जो कभी जीवन में हर नही मानता हूँ,
एक नए इरादे के साथ आकाश में उड्डान करता हूँ,
पर पंख दुर्बल होने के कारन फिर से जमीन पर गिरता हूँ,
शरीर से छिन्न-भिन्न और मन से घायल हो जाता हूँ,
पर गगन को छुने की चाहत कम न होने देता हूँ,
और मै भी मै ही हूँ , जो कभी जीवन में हर नही मानता हूँ,
इसिलिये हर बार पहलेसे ज्यादा ऊँची उड्डान भरता हूँ,
हर बार पहलेसे ज्यादा ऊंचाई से जमीन पर गिरता हूँ
( पहलेसे ज्यादा ऊंचाई से गिराने के कारन ) हर बार पहलेसे ज्यादा चोट पाता हूँ,
पर मै भी मै ही हूँ , जो कभी जीवन में हर नही मानता हूँ,
और फिर से एक नई प्रेरणा भरकर (एक नए इरादे के साथ) आकाश मे उड्डान करता हूँ
Nastik - नास्तिक
नास्तिक
एक नास्तिक हा अस्थिकांपेक्षा देवाला अधिक प्रिय असतो
कारण देवाकडे तो कधीच काही मागत नसतो
देवाला हार फुलांची लाच देऊन कधी फळाची अपेक्षा धरीत नसतो
आणि म्हनूनच देवाला अस्थिकांपेक्षा एक नास्तिकच अधिक प्रिय असतो
एक नास्तिक देव दर्शनासाठी कधी कुठल्या रांगेत थांबत नसतो
कारण रांगेत थांबून त्याला (लवकर) देव दर्शनासाठी कुणालाही शिव्याशाप द्यायचा नसतो
देवालाही भक्ताच्या असल्या वागण्याचा कंटाळा आलेला असतो
आणि म्हनूनच देवाला असल्या भक्तापेक्षा एक नास्तिकच अधिक प्रिय असतो
एक नास्तिक हा आपल्या विश्वासावर नेहमीच ठाम असतो
पण आस्तिक हा वेळोवेळी देवाला त्याच्या अस्तित्वाचे प्रमाण मागत असतो
देवालाही प्रत्येक वेळेस प्रत्यय देण्याचा कंटाळा आलेला असतो
आणि म्हनूनच देवाला असल्या भक्तापेक्षा एक नास्तिकच अधिक प्रिय असतो
एक नास्तिक हा देवाला कधीच कुठल्या तर्हेने त्रास देत नसतो
तर आस्तिक हा ढोल , तश्या , बाज्या , पूजे मधून त्याला कधीच शांत बसू देत नसतो
देवालाही आता क्षणिक शांतीचा मोह झालेला असतो
म्हनून तो देऊळ सोडून दूर जंगलात समाधी बसलेला दिसतो
Dream - स्वप्न
झोपेत माझ्या माझे भाग्य पाहिले मी, स्वप्नात माझ्या स्वप्न पाहिले मी,
स्वप्नात माझ्या माझे भाग्य नासलेले, सगळी कड़े अंधार अंधारमय झाहलेले,
त्यात आशेचा किरण पाहिला मी, स्वप्नात माझ्या स्वप्न पाहिले मी,
स्वप्नात सुखाच्या अश्रुना वाहताना पाहिले मी, दुखातिल त्या आठवणींना उजाळा देताना पाहिले मी,
दुखातच त्या स्वप्नाना विरंगुळा देताना पाहिले मी, स्वप्नात माझ्या स्वप्न पाहिले मी
स्वप्नात माझ्या स्वप्नांचे जगच काही निराळे,
त्यात माझ्या स्वप्नांचे अस्तित्वच काही निराळे पाहिले मी,
त्याच्या जगात त्याचे अस्तित्व जगा वेगळे पाहिले मी, स्वप्नात माझ्या स्वप्न पाहिले मी,
स्वप्नात माझ्या माझी कविता पाहिली मी, त्यातील शब्दांची सौज्ञाच काही निराली पाहिली मी,
शब्दकोशात त्या शब्दांची व्याख्या काही निराली पाहिली मी , स्वप्नात माझ्या स्वप्न पाहिले मी,
स्वप्नात माझ्या कधीच नव्हती अशांतता , जिथे दिसेल तिथे शांतता,
मग कोठून आली ही वादळा पूर्वीची स्तब्द्ता जी पाहिली मी , स्वप्नात माझ्या स्वप्न पाहिले मी,
स्वप्नात माझ्या स्वप्नांची गर्दी पाहिली मी, स्वप्नात माझ्या स्वप्नांची राख़ रांगोली पाहिली मी,
स्वप्नात माझ्या स्वप्नाना अश्रु वाहताना पाहिले मी, स्वप्नात माझ्या स्वप्नाना अश्रु वाहताना पाहिले मी
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